हिंदू-धर्म में वैशाख मास को एक पवित्र माह माना जाता है। वैशाख मास में जहां जल का अत्यधिक महत्व होता है, जिसके चलते नदी-सरोवर में स्नान और जल दान की महिमा शास्त्रों में कही गई है। इसी वजह से इस महीने में भगवान लक्ष्मीनारायण के साथ-साथ भगवान शिवजी के पूजन का भी विशेष विधान है। वहीं वैशाख के सोमवार भी सावन व कार्तिक के सोमवार की तरह अपना खास महत्व रखते हैं। मान्यता के अनुसार इन दिनों भगवान शिव का पूजन विशेष कृपा प्रदान करता है।
वैशाख महीने में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद कुछ खास विधि से भगवान भोलेनाथ का पूजन किया जाए तो सारे दुख और दारिद्र दूर हो जाते हैं। पूजन से प्रसन्न होकर महादेव अपने भक्तों को मालामाल कर देते हैं। शिवलिंग ब्रह्मांड का प्रतीक हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख माह में शिवलिंग के ऊपर पानी का कलश या घड़ा स्थापित करना चाहिए। इस घड़े से पानी शिवलिंग पर जिस तरह बूंद-बूंद गिरता है, वैसे ही आपकी समस्याएं पानी की तरह बहकर दूर हो जाती हैं। मान्यता है कि वैशाख माह में प्रात: काल स्नान करके भगवान शिव का जल और दूध से अभिषेक करने से ग्रह बाधाएं दूर होती हैं। सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। थोड़े से पूजन से ही वे भक्तों पर कृपा बरसाने लगते हैं।
वैशाख माह में शिवजी के जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ उन्हें उनका प्रिय पुष्प आक, धतूरा और बेलपत्र आदि अर्पित करना चाहिए। शिवजी को ऋतु फलों का भोग अर्पित करना चाहिए। इस महीने में घड़ा, सत्तू, तरबूज आदि दान करने से शारीरिक व्याधियों से छुटकारा मिलता है।
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए वैशाख महीने में छोटा सा पारद (पारा) शिवलिंग लेकर आएं और घर के मंदिर में इसे स्थापित करें। इसकी प्रतिदिन पूजा करें। इस उपाय से घर की दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है। घर के मंदिर में जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पारद शिवलिंग को स्नान कराएं। कम से कम 108 बार ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे हर काम सिद्ध हो जाएंगे। यदि आप बहुत जल्दी सफलता पाना चाहते हैं तो रोज पारे से बने छोटे से शिवलिंग की पूजा करें। पारद शिवलिंग बहुत चमत्कारी होता हैं।
इसके अलावा वैशाख माह में किसी सुहागिन को साड़ी, चूडियां, कुमकुम आदि सुहाग की सामग्री उपहार में दें। जो लोग यह उपाय करते हैं, उनके वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
जल में केसर मिलाएं और ये जल शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस उपाय से विवाह और वैवाहिक जीवन से जुडी समस्याएं खत्म होती हैं।
बीमारियों के कारण परेशानियां खत्म ही नहीं हो रही हैं, तो पानी में दूध और काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। यह उपाय चमत्कारी है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इसमें काले तिल मिलाएं। इस उपाय से शनि दोष और रोग दूर होते हैं।
बैसाख महीने में किसी जरूरतमंद या सुपात्र ब्राह्मण को सवा किलो या सवा पांच किलो या 11 किलो या 21 किलो गेहूं या चावल का दान करें।
बिल्वपत्रों पर चंदन से ओम नम: शिवाय या श्रीराम लिखें। इसके बाद इन पत्तों की माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, माना जाता है इससे हर काम सिद्ध हो जाते हैं।
शिवपुराण के अनुसार बिल्व वृक्ष महादेव का रूप हैं। इसलिए इसकी पूजा करें। फूल, कुमकुम, प्रसाद आदि चीजें विशेष रूप से चढ़ाएं। इसकी पूजा से जल्दी शुभ फल मिलते हैं। बिल्व वृक्ष के नीचे दीपक जलाना भी मंगलकारी होता है।
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